छुप छुप रो रहे हैं प्राइवेट बात है
वाइफ ने बना दिया खोपड़ी का भात है
कान खींचा जोर से तो बात ऐसी हो गई
एक आँख बंद लाइट दोनों कि खो गई
अभी अभी दिन था अभी अभी रात है
वाइफ ने बना दिया खोपड़ी का भात है.
जम और जमाई / काका हाथरसी
बड़ा भयंकर जीव है , इस जग में दामाद
सास - ससुर को चूस कर, कर देता बरबाद
कर देता बरबाद , आप कुछ पियो न खाओ
मेहनत करो , कमाओ , इसको देते जाओ
कहॅं ' काका ' कविराय , सासरे पहुँची लाली
भेजो प्रति त्यौहार , मिठाई भर- भर थाली
लल्ला हो इनके यहाँ , देना पड़े दहेज
लल्ली हो अपने यहाँ , तब भी कुछ तो भेज
तब भी कुछ तो भेज , हमारे चाचा मरते
रोने की एक्टिंग दिखा , कुछ लेकर टरते
' काका ' स्वर्ग प्रयाण करे , बिटिया की सासू
चलो दक्षिणा देउ और टपकाओ आँसू
जीवन भर देते रहो , भरे न इनका पेट
जब मिल जायें कुँवर जी , तभी करो कुछ भेंट
तभी करो कुछ भेंट , जँवाई घर हो शादी
भेजो लड्डू , कपड़े, बर्तन, सोना - चाँदी
कहॅं ' काका ', हो अपने यहाँ विवाह किसी का
तब भी इनको देउ , करो मस्तक पर टीका
कितना भी दे दीजिये , तृप्त न हो यह शख़्श
तो फिर यह दामाद है अथवा लैटर बक्स ?
अथवा लैटर बक्स , मुसीबत गले लगा ली
नित्य डालते रहो , किंतु ख़ाली का ख़ाली
कहँ ' काका ' कवि , ससुर नर्क में सीधा जाता
मृत्यु - समय यदि दर्शन दे जाये जमाता
और अंत में तथ्य यह कैसे जायें भूल
आया हिंदू कोड बिल , इनको ही अनुकूल
इनको ही अनुकूल , मार कानूनी घिस्सा
छीन पिता की संपत्ति से , पुत्री का हिस्सा
' काका ' एक समान लगें , जम और जमाई
फिर भी इनसे बचने की कुछ युक्ति न पाई
From:
chandresh jasani <chandreshjasani@yahoo.com> एक कल्पना कीजिए ..... जिसने जन्म लिया है उसे एक दिन अवश्य मरना भी है, आपको भी 3 दिन बाद मरना है. 3 दिन बाद आपको फांसी दे दी जायेगी. आपकी मौत निश्चित है.... अब आप उस मौत के दर्द को महसूस कीजिये ..... आपका परिवार और सब कुछ छूट जायेगा ..... क्या आप अपने गले मे फांसी का फन्दा सोच कर कांप गये ???? अब सोचो भगत सिंह जैसे अनगिनत शहीदों को जो हंसते हंसते देश के लिये फांसी पर चढ़ गये थे ..... महसूस करो उनके दर्द को, और देखो आज के भ्रष्टाचार से भरे भारत को , क्या ऐसा भारत बनाने के लिये उन्होने अपनी जान की कुर्बानी दी थी .... अब मरने की कल्पना से बाहर आइये और सोचिये ...... जब वो लोग देश के लिये मर सकते है तो क्या आप देश के लिये जी भी नहीं सकते ????????? देश के लिये जिएँ और अच्छा भारत बनाएँ, अपने आप से शुरुआत करें. आप बदलेंगे तभी देश बदलेगा . भगवान आपको लम्बी उम्र दे ......... अब एक और कल्पना कीजिये ............... आप लम्बी उम्र जिएँ, लेकिन ना आप बदलें, ना देश बदले, 20-25 साल बाद आपके बच्चे, पोते, नाती सब एक ऐसे देश मे जी रहे हों जिसकी हालत सोमालिया आदि देशो से भी बदतर है, बेहिसाब आबादी है , हर तरफ मारकाट मची है, कोई कानून नहीं है, जंगलराज की सी हालत है , सभी जातियाँ कबीलों की तरह लड़ रही है . भूख से बेहाल गरीब अमीरों को लूट रहें हैं, अमीर उनपर गोलियां चला रहे हैं , एक पल का भी भरोसा नहीं है कब कौन आपके बच्चों को अनाथ कर दे या बच्चो का अपहरण कर ले. क्या आप अपने बच्चों को ऐसा भारत देना चाहते हो ? आप अपने बच्चों को हर चीज देते है , अच्छी शिक्षा , अच्छे कपड़े, अच्छे गेजेट्स .... फिर क्या आप उन्हे अच्छा भारत नहीं देंगे ?????? एक लाख अस्सी हजार करोड़ (18,00,00,00,00,000) का 2G स्पेक्ट्रम घोटाला, सत्तर हजार करोड का CWG घोटाला जैसे अनेक घोटालों ने देश को हिला कर रख दिया है. और आप चुपचाप है, आप कर भी क्या सकते है ? आप सबकुछ कर सकते है , आप ही ने उन नेताओ को वोट देकर नेता बनाया था............ आप क्या क्या कर सकते हैं ? 1. देश मे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून (जन लोकपाल) बनाने के लिये "भारत बनाम भ्रष्टाचार" के बेनर तले देश में एक अन्दोलन चल रहा है जिसका नेतृत्व गणमान्य लोग जैसे स्वामी रामदेव, श्री रवि शंकर, अन्ना हजारे, महमूद मदानी, दिल्ली के आर्कबिषप, किरण बेदी, अरविन्द केजरीवाल, स्वामी अग्निवेश, न्यायमूर्ति लिंगदोह, मल्लिका साराभाइ आदि अनेक लोग कर रहे हैं (अधिक जानकारी के लिये साइट देखें http://www.indiaagainstcorruption.org/) 2. लोकतंत्र मे आप सबसे ताकतवर हैं क्योंकि आप से वोट से सरकार बनती है, सोचसमझ कर वोट दें , सिर्फ जाति और धर्म के आधार पर वोट ना दें . भारत के सभी सभ्य और ईमानदार लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर एक वोट बैंक बना रहे हैं आप उसमें अपने आप को रजिस्टर करें (http://voteforindia.org/). 3. अगर आप फेसबुक का उपयोग करते हैं तो जुड़ जाएं http://www.facebook.com/IndiACor से ( इस लिंक पे क्लिक करे और फिर like पर क्लिक करे ) 4. शक्ति संघे कलयुगे ( कलयुग में संगठन ही सबसे बड़ी शक्ति है ) , आज देश के सभी भ्रष्ट लोग (20% ) संगठित हैं , जबकि हम सभी ईमानदार ( 80%) लोग बिखरे पड़े हैं , जिस से भ्रष्ट लोग हावी हैं , और हम लोगो को संगठित नहीं होने देते, हमे धर्म, जाति, क्षेत्र आदि के नाम पे लड़वाते हैं जिस से हम एक ना हो. तथा देश की अधिकतर आबादी अनपढ़ बनी रहे. शोषित होने के लिये बाध्य रहे. आप संगठित बनो, अपने दोस्तो को , पड़ोसियों को इस अन्दोलन के बारे में बताएं (फूट डालो और राज करो की कुनीति पहले अंग्रेज अपनाते थे अब ये नेता अपना रहे हैं ) Last but not theLeast 5. अपने सभी दोस्तों को ये ई-मेल फॉरवर्ड करो (Forward this Email to all your friends. (सभी को नहीं तो कम से कम 5 दोस्तो को अवश्य करें, आपको भारत माँ की कसम). आजादी की जंग में जब लोग फांसी पे हँसते हँसते चढ़ सकते हैं तो क्या आप अपने दोस्तों को एक ई-मेल भी फॉरवर्ड नहीं कर सकते????? |
From:
N K BHANSALI <bhansalifcs@gmail.com>
शायद ज़िन्दगी बदल रही है !! जब मैं छोटा था, शायद दुनिया | बहुत बड़ी हुआ करती थी..
मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता, क्या क्या नहीं था वहां, चाट के ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले, सब कुछ,
अब वहां "मोबाइल शॉप", "विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है..
शायद अब दुनिया सिमट रही है... . . . जब मैं छोटा था, शायद शामें बहुत लम्बी हुआ करती थीं... मैं हाथ में पतंग की डोर पकड़े, घंटों उड़ा करता था, वो लम्बी "साइकिल रेस", वो बचपन के खेल, वो हर शाम थक के चूर हो जाना,
अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है.
शायद वक्त सिमट रहा है..
. . . जब मैं छोटा था, शायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी,
दिन भर वो हुजूम बनाकर खेलना, वो दोस्तों के घर का खाना, वो लड़कियों की बातें, वो साथ रोना... अब भी मेरे कई दोस्त हैं, पर दोस्ती जाने कहाँ है, जब भी "traffic signal" पे मिलते हैं "Hi" हो जाती है, और अपने अपने रास्ते चल देते हैं,
होली, दीवाली, जन्मदिन, नए साल पर बस SMS आ जाते हैं,
शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं.. . . जब मैं छोटा था, तब खेल भी अजीब हुआ करते थे,
छुपन छुपाई, लंगडी टांग, पोषम पा, कट केक, टिप्पी टीपी टाप.
अब internet, office, से फुर्सत ही नहीं मिलती..
शायद ज़िन्दगी बदल रही है. . . .
जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही है.. जो अक्सर कबरिस्तान के बाहर बोर्ड पर लिखा होता है...
"मंजिल तो यही थी, बस जिंदगी गुज़र गयी मेरी यहाँ आते आते" . . . ज़िंदगी का लम्हा बहुत छोटा सा है...
कल की कोई बुनियाद नहीं है
और आने वाला कल सिर्फ सपने में ही है..
अब बच गए इस पल में..
तमन्नाओं से भरी इस जिंदगी में हम सिर्फ भाग रहे हैं.. कुछ रफ़्तार धीमी करो, मेरे दोस्त, और इस ज़िंदगी को जियो... खूब जियो मेरे दोस्त, और औरों को भी जीने दो.. *LIVE AND LET LIVE* | No prize for guessing - Who is he? |
From:
Vinayak Dhote <vinayak.dhote@gmail.com> Hint: He is now 29 years old and the trophy in his hand has got a "little" bigger.
No prize for guessing - Who is he?

Just kidding!!! Everyone knows him now……….
It seems he has habit of carrying trophies from early age J
Couple travel the world for 11 years
From: harshwardhan karnawat <hwkarnawat@gmail.com>
Are we there yet?: Couple travel the world for 11 years having four children along the way...and they're still going
For most families, a long car journey is the bane of any trip. But for the Zapp's, their 83-year-old vehicle has become a home for the last 11 years, as they travel around the world on a never ending trip of a lifetime.
Spanning four continents, Herman and Candelaria Zapp have covered an incredible 142,000 miles while becoming parents to Pampa, eight, Tehue, five, Paloma, three and Wallaby, one.
Read more :
http://www.dailymail.co.uk/news/article-1365406/Are-nearly--Couple-Herman-Candelaria-Zapp-travel-world-11-years-having-children-way--theyre-going.html
Quick Tips on Speaking Better & more Confidently!From:
Priya Malhotra <priya.malhotra21@gmail.com>
Hi,
Are you very shy when it comes to new surroundings, such as starting a new class or moving to a new area? Sometimes, it is necessary to overcome your shyness and speak confidently. By doing this, it can help you not only to share your ideas properly to others, but also to learn communicating with others. Here are a few steps to consider when speaking with confidence.
Read about it here - http://public-speaking.in/guide/how-to-speak-well-and-confidently/
6.new predictions for the world Legendary investor Jim Rogers has made new predictions for the world. They are in two extremes. The first one is that water resources would be the next big investment. Water shortages in the Red Sea area, Northern parts of India and China would make water the most desired thing. As a result, anything and everything to do with water would see its prices shooting up. Providing, transferring or cleaning water would soon be the best investment avenues.
The second prediction is a tad bit grimmer. The way things are going in the world, Rogers predicts that the next social and political unrest would be in none other than the US. He opines that the US is nearly bankrupt but does not wish to cut back on its spending. As of now, things look good but only on paper. Once the reality starts to hit, US would witness social and political unrest not unlike the one we are seeing currently in the Middle East. For the sake of the US, we hope that Rogers is wrong. But looks like the doomsayers could say all they want. The US does not wish to wake up and smell the coffee.
http://investorshub.advfn.com/boards/read_msg.aspx?message_id=61674578# --
Warm Regards and Best Wishes.
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद दुखभाग भवेत्.
May all be happy. May all enjoy health and freedom from disease.
May all have prosperity and good luck. May none suffer or fall on evil days.
Vikas Thakur
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